अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । बावन भैरूं चौसठ जोगिन, उसटा चक्र चलावै वाणी : " त्रीं त्रीं त्रीं हूँ हूँ स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये भंवरा भंवर करे मन मोरा, दंडी खोल व्यापार बडेरा। व्यापार बड़ा और कारज कर अखण्ड वीर का चेला क्या झेला क्या खेला क़ारोबार में तेज़ी लाने https://paxtonkaocr.blog-gold.com/40494218/the-definitive-guide-to-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra