सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। अर्थ- हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही https://franciscopalbw.shotblogs.com/everything-about-shiv-chalisa-lyrics-english-43825432